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Cricket की दुनिया में हर साल नए सितारे उभरते हैं, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो अपनी उम्र से कहीं आगे का प्रदर्शन करते हैं। ऐसे ही एक नाम है Vaibhav Suryavanshi, जिसने मात्र 14 साल की उम्र में IPL में डेब्यू करके इतिहास रच दिया। उनकी कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाती है कि जुनून और मेहनत से कुछ भी संभव है।
Vaibhav का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार में हुआ था। उनके पिता ने उनकी क्रिकेट में रुचि को पहचानते हुए उन्हें मात्र 4 साल की उम्र में क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलवानी शुरू कर दी। 9 साल की उम्र में उन्होंने समस्तीपुर की एक क्रिकेट अकादमी जॉइन की, जहाँ उन्होंने अपने कौशल को निखारा।
Vaibhav ने 12 साल की उम्र में बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया, जिससे वह भारत के सबसे कम उम्र के फर्स्ट-क्लास क्रिकेटर बन गए। इसके बाद, उन्होंने अंडर-19 टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें एक 58 गेंदों में सेंचुरी और एक ट्रिपल सेंचुरी शामिल है।
2024 के IPL ऑक्शन में, Rajasthan Royals ने Vaibhav को ₹1.1 करोड़ में खरीदा, जिससे वह IPL इतिहास के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। उनकी प्रतिभा को देखकर कई टीमें उन्हें साइन करना चाहती थीं, लेकिन Royals ने बाज़ी मारी।
20 अप्रैल 2025 को, Vaibhav ने Lucknow Super Giants के खिलाफ IPL डेब्यू किया। उन्होंने अपनी पहली ही गेंद पर छक्का मारकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने 20 गेंदों में 34 रन बनाए, जिसमें 3 छक्के शामिल थे, और Yashasvi Jaiswal के साथ 85 रन की साझेदारी की। हालांकि टीम मैच हार गई, लेकिन Vaibhav की परफॉर्मेंस ने सभी का दिल जीत लिया।
₹1.1 करोड़ की बोली लगने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी।
IPL में सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी।
पहली गेंद पर छक्का मारने वाले सबसे युवा खिलाड़ी।
अंडर-19 में 58 गेंदों में सेंचुरी और ट्रिपल सेंचुरी का रिकॉर्ड।
Vaibhav ने अपनी डाइट में चिकन, मटन और पिज्जा जैसी चीज़ों से परहेज़ किया है। उनके कोच के अनुसार, उनकी बैटिंग स्टाइल Brian Lara और Yuvraj Singh जैसी है। उनकी मेंटल स्ट्रेंथ और डिसिप्लिन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है।
Vaibhav की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और टैलेंट ने यह साबित कर दिया है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। आने वाले समय में वह भारतीय क्रिकेट का बड़ा नाम बन सकते हैं।
Vaibhav Suryavanshi ने यह दिखा दिया है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। उनकी कहानी न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है।
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